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चीन में फैली कोरोना से खतरनाक बीमारी भारत के लिए कितनी डेंजरस? हेल्थ मिनिस्ट्री ने दिया ये जवाब

Indian Health Ministry Update HMPV Virus:– साल 2020 में चीन से निकले एक वायरस कोविड-19 (Corona Virus) ने भारत समेत पूरी दुनिया में तबाही मचाई थी। कोरोना महामारी फैलने से लाखों लोग मारे गए थे और दुनिया को लॉकडाउन झेलना पड़ा था। महीनों लोगों ने घरों के अंदर रहकर बिताए थे। एक ओर महामारी ने लोगों की जान ली, दूसरी ओर लॉकडाउन के कारण लोगों के बिजनेस-रोजगार ठप हुए। निराश होकर लोगों ने सुसाइड तक की।

आज भी लोग लॉकडाउन के असर से उबर नहीं पाए हैं कि चीन में अब एक और वायरस फैल गया है, जिसका खतरा पूरी दुनिया पर मंडरा रहा है। इस वायरस का नाम मानव मेटान्यूमोवायरस (HMPV) है, जिसकी चपेट में आकर चीन के लोग निमोनिया से पीड़ित हैं और इस बीमारी के कई केस रिपोर्ट हो चुके हैं। भारत के लिए यह वायरस कितना खतरनाक है और इससे बचाव के लिए क्या कर सकते हैं कि यह भारत में न फैले। इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान आया है।

भारत के लिए चिंता की कोई बात नहीं


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को चीन में फैले वायरस पर बात करते हुए कहा कि देश में वायरल इन्फेक्शन और सांस लेने संबंधी बीमारियों की संख्या में कोई बड़ी वृद्धि नहीं हुई है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र का कहना है कि उनकी टीम देशभर में मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामलों पर बारीकी से नजर रख रहा है। वैश्विक स्तर पर इस बीमारियों की स्थिति पर नजर रखने के लिए इंटरनेशनल एजेंसियों से संपर्क किया जा रहा है।

स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक (DGHS) डॉ. अतुल गोयल ने भी बयान देते हुए कहा कि चीन में जो वायरस फैसला है, वह सांसों से जुड़े वायरस की तरह है, जो सामान्य सर्दी के कारण बनता है। यह बुजुर्गों और बहुत छोटे बच्चों में फ्लू जैसे लक्षण पैदा कर सकता है। उन्होंने लोगों से सांस लेने संबंधी बीमारियों के मामले में सावधानी बरतने का आग्रह किया और कहा कि भारत में श्वसन संबंधी मरीजों ​​के आंकड़ों का विश्लेषण किया है। दिसंबर 2024 के इन आंकड़ों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। देश के किसी भी संस्थान से बड़ी संख्या में कोई मामले सामने नहीं आए हैं।

साल 2001 में नीदरलैंड में फैला था वायरस


DGHS डॉ. अतुल गोयल से कहा कि भारतवासी सामान्य सावधानियां बरतें, जो संक्रमण से बचने के लिए आमतौर पर बरतते हैं। अगर किसी को खांसी और जुकाम है तो उसके संपर्क में आने से बचें। सर्दी और बुखार के लिए जो सामान्य दवाएं आवश्यक हैं, उन्हें लें। वर्तमान स्थिति में घबराने की कोई बात नहीं है। सर्दियों के दौरान सांस संबंधी वायरस का संक्रमण बढ़ने के आसार ज्यादा होते हैं। चीन में फैला वायरस साल 2001 में पहली बार नीदरलैंड में फैला था। यह वायरस आमतौर पर आम सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है।

यह अक्सर निमोनिया, अस्थमा या क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज का कारण बनता है। अमेरिका के क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, शोधकर्ताओं का अनुमान है कि बच्चों में लगभग 10% से 12% श्वसन संबंधी बीमारियां HMPV के कारण होती हैं। 5% से 16% बच्चों में निमोनिया जैसा विकसित हो जाता है। डॉ. डैंग्स लैब के CEO डॉ. अर्जुन डैंग कहते हैं कि यह वायरस नया नहीं है और हमारी प्रयोगशालाओं में इसका नियमित रूप से परीक्षण किया जा रहा है। चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि अभी तक कुछ भी असामान्य नहीं देखा गया है।

Upendra Pandey

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