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भारत-नेपाल दुनिया को दिखाएंगे ताकत, दोनों देशों का संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू

आज यानी रविवार से भारत और नेपाल के बीच होने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास सूर्य किरण का आगाज हो चुका है। इस एक्सरसाइज में भाग लेने के लिए भारतीय सेना के 334 जवानों की एक टुकड़ी बीते दिन ही नेपाल के लिए हो गई थी। एक्सरसाइज सूर्य किरण का यह 18वां संस्करण है।

कब से कब तक चलेगा युद्धाभ्यास?
नेपाल के सलझंडी में आयोजित होने वाला यह युद्धाभ्यास 29 दिसंबर 2024 से 13 जनवरी 2025 तक चलेगा। बता दें कि हर साल नेपाल और भारत की थल सेना ऑल्टरनेट तरीके से एक दूसरे के साथ युद्धाभ्यास करते हैं। पिछले साल यह युद्धाभ्यास (17 वां संस्करण) भारत में हुआ था। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में दोनों देशों की सेनाओं ने संयुक्त सैन्य अभ्यास किया था।

2011 में हुई थी शुरुआत
नेपाल और भारत के बीच सूर्य किरण युद्धाभ्यास की शुरुआत साल 2011 में हुई थी। दरअसल चीन की गंदी नजर नेपाल पर पड़ने लगी थी, जिसके बाद भारत और नेपाल ने साथ मिलकर सूर्य किरण युद्धाभ्यास की नींव रखी थी। इसके बाद हर साल क्रमवार रूप से इसका आयोजन किया जा रहा है। सेना ने न्यूज़ 24 को एक्सक्लूसिव जानकारी देते हुए बताया कि इस युद्धाभ्यास के जरिए दोनों देशों के द्विपक्षीय रक्षा संबंध मजबूत होंगे।

सूर्य किरण युद्धाभ्यास के फायदे
अब सवाल यह है कि इस युद्धाभ्यास के दौरान होता क्या है? बता दें कि सूर्य किरण के तहत दोनों देशों की सेनाएं जंगल की लड़ाई में सामंजस्य बैठाने, एकजुटता से अटैक करने और पहाड़ों पर युद्ध लड़ने का अभ्यास करती हैं। इसके अलावा आतंकवाद रोधी अभियानों के संचालन, मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान की भी प्रैक्टिस की जाती है। युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के साथ अपने युद्ध अनुभव को भी साझा करेंगे।

11वीं गोरखा राइफल्स ने लिया हिस्सा
सूर्य किरण युद्धाभ्यास के दौरान भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व 11वीं गोरखा राइफल्स की एक बटालियन करेगी। वहीं, नेपाली सेना की टुकड़ी की कमान श्री जंग बटालियन की तरफ से किया जाएगा। मेजर जनरल राजन कोचर के मुताबिक अभ्यास सूर्य किरण का यह संस्करण आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी की सफल नेपाल यात्रा और नेपाली सेना के सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल की भारत यात्रा के बाद आयोजित किया जा रहा है।

गोरखा रेजीमेंट में शामिल होंगे नेपाली योद्धा
इस अभ्यास का असर अग्निवीर की भर्ती में पड़ने की उम्मीद जताई जा रही है क्योंकि पिछले एक साल से गोरखा रेजिमेंट में भर्ती होने के लिए कोई भी नेपाली युवा भारत नहीं आया है। उम्मीद की जा रही है कि शुरुआती साल यानी जनवरी 2025 में होने वाली भर्ती रैली में ज्यादा से ज्यादा तादाद में नेपाली युवा भाग लेने के लिए आएंगे।

Upendra Pandey

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