MP व UP में बढ़ेगा सर्दी का सितम, क्या Delhi को स्मॉग से मिलेगी राहत; पढ़ें मौसम का हाल
इंदौर :- मौसम में बदलाव के साथ उत्तर भारत के कई इलाकों में प्रदूषण की स्थिति और भी गंभीर हो गई है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में प्रदूषण बहुत खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 700 के पार पहुंच गया है, जिससे इन क्षेत्रों में लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। प्रदूषण और स्मॉग का मुख्य कारण हवा की धीमी गति है, जिससे वाष्प कण और धूल-मिट्टी कोहरे के साथ मिलकर घना स्मॉग बना रहे हैं। इस स्थिति में तापमान भी अपेक्षाकृत अधिक बना हुआ है, जिससे नागरिकों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली में राहत की संभावना
विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में राहत तब मिलेगी, जब उत्तर-पश्चिम से तेज हवा आएगी। हवा की गति तेज होने से प्रदूषित हवा को हट सकेगी, जिससे तापमान में गिरावट आएगी। जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी शुरू हो चुकी है। इस क्षेत्र का तापमान गिरने लगा है।
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि अगले दो-तीन दिनों में उत्तर-पश्चिम से तेज हवा आ सकती है, जिससे पंजाब, हरियाणा और दिल्ली को आंशिक राहत मिल सकती है। हालांकि, प्रदूषण की स्थिति को पूरी तरह से ठीक होने में समय लग सकता है, क्योंकि मौसम में कोई बड़ा बदलाव नहीं होने वाला है।
हिमाचल और पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव
हिमाचल प्रदेश में हल्की बारिश होने से पहाड़ी क्षेत्रों के तापमान में गिरावट हो सकती है। नवंबर के अंत में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है, जिससे पहाड़ों पर तेज बर्फबारी और बारिश हो सकती है। इस पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव पूर्वी उत्तर प्रदेश तक फैल सकता है, जिससे स्मॉग का असर बढ़ सकता है। ऐसे में प्रदूषण की स्थिति और बिगड़ सकती है।
दक्षिण भारत में बारिश की संभावना
दक्षिण भारत के राज्यों में बारिश की स्थिति बनी रहेगी। तमिलनाडु और केरल में भारी बारिश हो सकती है। इससे प्रदूषण की स्थिति में कुछ हद तक राहत मिलने का अनुमान है। दिल्ली और उत्तर भारत में प्रदूषण की स्थिति अभी खराब ही रहेगी। इसको ठीक होने में समय लगेगा।
सर्दी की देर से शुरुआत
इस बार नवंबर के मध्य तक सर्दी की शुरुआत नहीं हुई है, जिससे तापमान में लगातार गिरावट हो रही है। इससे नीचे की हवा गर्म होती जा रही है, जबकि ऊपर की हवा ठंडी हो रही है। इसके कारण प्रदूषित हवा के ऊपर ठंडी हवा की परत बन जाती है, जिससे प्रदूषण बाहर नहीं निकल पाता और वहीं हवा फैलती रहती है। इससे स्मॉग और प्रदूषण की स्थिति बनी रहती है, जो नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।