निरिक्षण के दौरान 6 शिक्षक अनुपस्थित पाए गए, छात्रों ने कहा शिक्षक सिर्फ आफिस में बैठने आते है
शनिवार के दिन स्कूल का समय सुबह साढ़े 7 बजे से शुरू होना चाहिए था, लेकिन शाला खुलने के डेढ़ घंटे बाद तक एक भी शिक्षक नहीं पहुंचा। करीब 9 बजे एक शिक्षक कन्हैया लाल अदीले स्कूल पहुंचे, जबकि अन्य शिक्षक पूरे निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित रहे। ब्लाक एजुकेशन आफिसर के मुताबिक, पूर्व में भी इस स्कूल में शिक्षकों की ऐसी लापरवाही दर्ज की जा चुकी है जिसके चलते यह औचक निरिक्षण किया गया था।
पूर्व की कार्रवाई का नहीं कोई असर
इस निरीक्षण ने शिक्षा विभाग की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर शिवराम टंडन ने बताया कि इस स्कूल में पहले भी शिक्षकों की ऐसी अनियमितता सामने आ चुकी है, जिसके चलते इन शिक्षकों को चेतावनी दी गई थी और वेतन में कटौती भी की गई थी। वही शाला के प्राचार्य लक्ष्मीकांत केशकर का वेतन भी रोका गया है। बावजूद इसके इस स्कूल के शिक्षकों की अनुपस्थिति यह दर्शाती है कि अब इन्ही किसी का डर नहीं रह गया है।
पढ़ने नहीं दफ्तर में बैठने आते है
स्कूल के शिक्षा व्यवस्था की पोल तब खुली जब निरिक्षण को पहुंचे ब्लाक शिक्षा अधिकारी ने छात्रों से पूछताछ की शिक्षक कब आते है और क्या पढ़ते है। अधिकारी के इस सवाल पर छात्रों ने बताय कि शिक्षकों द्वारा नियमित रूप से पढ़ाई नहीं करवाई जाती है, शिक्षक केवल ऑफिस में बैठे रहते है। वही स्कूल हर दिन निर्धारित समय से पहले, लगभग 3:30 बजे ही बंद कर दी जाती है।