पति-पत्नी ने दोबारा की शादी, दो जोड़ों के पहले से है संतान… मुख्यमंत्री कन्या विवाह में हुई धांधली

अंबिकापुर में तीन महीने पहले 362 जोड़ों का सामूहिक विवाह हुआ था।
हितग्राहियों को मिलने वाली 35 हजार की राशि का भुगतान रोक दिया गया।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत गरीब परिवारों को मिलतीहै मदद।
अंबिकापुर- जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां पहले से शादीशुदा जोड़ों की सरकारी योजना के तहत दोबारा शादी करा दी गई। इनमें दो जोड़े तो ऐसे हैं जिनकी पहले से संतान भी थी, लेकिन अधिकारी-कर्मचारियों ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
मामला सामने आने के बाद जांच शुरू कराई गई है। हितग्राहियों को मिलने वाली राशि का भुगतान रोक दिया गया है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत अंबिकापुर में लगभग तीन महीने पहले 362 जोड़ों का सामूहिक विवाह संपन्न हुआ था।
अंबिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में आयोजित सामूहिक विवाह में नवदंपतियों को आशीर्वाद देने जनप्रतिनिधियों के साथ प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित हुए थे। बाद में शिकायत हुई कि शादीशुदा जोड़ों का भी सरकारी योजना का लाभ उठाने के लिए दोबारा विवाह करा दिया गया है।
विभाग ने तत्काल ऐसे हितग्राहियों के खाते में दी जाने वाली 35-35 हजार रुपये की राशि पर रोक लगा दी। प्रारंभिक जांच में ही आरोप सच साबित हुए। जांच में पता चला कि अंबिकापुर विकासखंड के ग्राम पंचायत कुल्हाड़ीखास से तीन ऐसे जोड़े भी इस विवाह में शामिल किए गए, जो पहले से शादीशुदा थे।
इनमें से दो के संतान भी थे। सच्चाई छिपाकर इन्होंने सरकारी योजना का लाभ लेने फिर से मंडप में बैठकर शादी की रस्में पूरी की।
सामाजिक मान्यता के लिए योजना का उठाते हैं लाभ
सरगुजांचल के ग्रामीण क्षेत्रों में कई जोड़े ऐसे होते हैं जो लिव इन में रहते है। बतौर पति-पत्नी साथ रहने से उनकी संतान भी हो जाती है, लेकिन इसे सामाजिक मान्यता नहीं मिल पाती। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण भी कई परिवार विवाह का खर्च नहीं उठा पाते।
विवाह की सामाजिक मान्यता के लिए कई बार ऐसे जोड़े सच्चाई छिपाकर मुख्यमंत्री कन्या विवाह में शादी कर लेते हैं। पूर्व में भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।
जानिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना को
गरीब परिवार भी अपनी बेटियों की शादी सम्मान के साथ कर सकें, इसके लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना चलाई जा रही है। इसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ के गरीब व जरूरतमंद परिवारों की बेटियों की शादी में आर्थिक मदद देना है।
इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार सामूहिक विवाह आयोजित कराकर दहेज मुक्त और बिना दिखावे की शादी को बढ़ावा दे रही है। वर्तमान में इस योजना के तहत सरकार की ओर से 50 हजार रुपये दिए जाते हैं।
वधु के नाम से बैंक ड्राफ्ट के रूप में 35 हजार रुपये नकद, मंगलसूत्र, कपड़े, मेकअप, जूते-चप्पल, चुनरी वगैरह के लिए सात हजार रुपये दिए जाते हैं। वहीं, सामूहिक विवाह पर होने वाले खर्च के लिए आठ हजार रुपये मिलते हैं। इस तरह से कुल 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है।
हितग्राहियों की ओर से प्रस्तुत शपथ पत्र को सही मानकर योजना का लाभ दिया जाता है। शिकायत सामने आने के बाद इस योजना के तहत मिलने वाली सरकारी राशि को रोक दिया गया है। शादीशुदा किसी भी जोड़े को सरकारी लाभ नहीं मिलेगा। मामले की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। – अतुल परिहार जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग सरगुजा
कर्मचारी के बेटा-बहू
की दोबारा शादी
सबसे मजेदार बात यह रही कि एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने अपने ही बेटे और बहू का फिर से विवाह करवा दिया। यह हाल तब है, जबकि हितग्राहियों के चयन में मैदानी स्तर पर कार्यकर्ताओं और सुपरवाइजर की बड़ी जबाबदारी होती है।
वे जानते हैं कि किन जोड़ों का विवाह इस योजना के तहत हो सकता है। मामला सामने आने के बाद योजना के तहत मिलने वाली सरकारी राशि को रोक दिया गया है।