स्वास्थ्य

World TB Day: पेट दर्द भी कही टीबी के लक्ष्ण तो नहीं? जानें बचाव के तरीके

टीबी एक गंभीर और घातक बीमारी है। इस बीमारी का सही समय पर इलाज न किया जाए तो मरीज की जान भी जा सकती है। टीबी की बीमारी सिर्फ फेफड़ों तक नहीं बल्कि शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकती है। इसे एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी कहते हैं, जो फेफड़ों से अलग दूसरे अंगों में होती है। क्या आप जानते हैं पेट में भी टीबी हो सकती है? जी हां, पेट की टीबी को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्यूबरक्लोसिस (Gastrointestinal Tuberculosis) भी कहते हैं। यह टीबी पेट की पेरिटोनियम और लिंफ में होती है। यह टीबी पाचन तंत्र से जुड़ी होती है, जो गाय के दूध में मौजूद बैक्टीरिया से भी हो सकती है। हेल्थ एक्सपर्ट की माने तो देश में पेट और आंतों वाली यह टीबी भी काफी सक्रिय है। हर साल 24 मार्च को यानी आज वर्ल्ड ट्यूबरक्यूलोसिस डे मनाया जाता है। इस अवसर पर जानिए पेट की टीबी का क्या कारण है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
कोलकाता बेस्ड गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जन डॉ. संजय मंडल बताते हैं आंतों की टीबी का इलाज सही समय पर न होने पर ब्लॉकेज, फोड़े हो सकते हैं। फिस्टुला भी पेट की टीबी का एक कारण होता है। फिस्टुला, दो अंगों के बीच एक अनवॉन्टेड कनेक्शन होता है जो मलाशय (Rectum) और गुदे (Anus) से संबंधित होता है।

पेट की टीबी के कारण क्या?
पेट की टीबी का मुख्य कारण माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्यूलोसिस बैक्टीरिया है। यह बैक्टीरिया हवा के माध्यम से फैलता है, जब कोई व्यक्ति टीबी से संक्रमित होता है तो उसके खांसने या छींकने से बैक्टीरिया हवा में आ जाते हैं और एक स्वस्थ व्यक्ति इन्हें सांस लेने वाले मार्ग के रास्ते शरीर के अंदर ले लेता है। पेट की टीबी में यह बैक्टीरिया आंतों, लिवर या पेट के अन्य अंगों में संक्रमण पैदा कर सकता है। पेट की टीबी होने का सबसे आम कारण फेफड़ों वाली टीबी का संक्रमण आंतों तक फैल जाना है।

पेट की टीबी के लक्षण
शिफा अस्पताल द्वारा पेट के टीबी के संकेत कुछ इस प्रकार हैं:-

पेट के अलग-अलग हिस्सों में दर्द महसूस करना।
अचानक वजन घटने की समस्या होना।
पेट की टीबी के कारण भूख में कमी भी महसूस हो सकती है।
पेट में गैस, ऐंठन, या दस्त जैसी समस्या हो सकती है।
हल्का बुखार या रात को पसीना आना।
टीबी होने पर पेट में ऐंठन और उल्टी की समस्या हो सकती है।
कभी-कभी मल में खून भी आ सकता है।


पेट की टीबी का इलाज कैसे होगा?

अगर आपको फेफड़ों या पेट की टीबी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉक्टर पेट की जांच करके दर्द और सूजन का पता लगा सकते हैं।
ब्लड टेस्ट जरूर करवाएं, टीबी परीक्षण के लिए Mantoux Test या T-Spot TB Test।
इसके अलावा, X-ray, CT स्कैन और पेट का अल्ट्रासाउंड भी करवाना चाहिए। बायोप्सी भी करवाएं।
पेट की टीबी का इलाज एंटी-टीबी मेडिसिन्स से किया जाता है। यह इलाज लंबा और निरंतर होता है, लगभग 6 महीने से 1 साल तक के बीच। इलाज में विफलता की स्थिति में बीमारी और गंभीर हो सकती है, इसलिए दवाओं को नियमित रूप से और समय पर जरूर लें।

पेट की टीबी से बचाव के उपाय
छींकते या खांसते समय मुंह ढकें और हाथ धोने की आदत डालें।
बच्चों को BCG वैक्सीनेशन लगवाएं।
संतुलित आहार का सेवन करें, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और टीबी से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
जहां टीबी के मरीज हों, वहां दूरी बनाए रखें और उनका इलाज सुनिश्चित करें।
धूम्रपान और शराब से बचें, ये दोनों चीजें शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करती हैं।

Upendra Pandey

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