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मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के पास बसे धार्मिक नगरों और स्थलों के आस-पास शराब और नॉनवेज पर बैन

भोपाल :- मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी मां नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक का प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण का काम अमरकंटक विकास प्राधिकरण के माध्यम से किया जाएगा। अमरकंटक से दूर भूमि चिह्नित कर सेटेलाइट सिटी विकसित की जाए।

नर्मदा के उद्गम स्थल से लेकर प्रदेश की सीमा तक किसी भी बसाहट का सीवेज नर्मदा नदी में न मिले। नदी के तट पर बसे धार्मिक नगरों और धार्मिक स्थलों के आसपास मांस-मदिरा का उपयोग न हो। नदी में मशीनों से खनन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया जाए।

यह निर्देश मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने शुक्रवार को सुशासन भवन में मां नर्मदा नदी के समग्र विकास को लेकर गठित मंत्रिमंडल समिति की बैठक में दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि नवंबर के दूसरे सप्ताह में अब तक हुए कार्यों की समीक्षा की जाएगी।

नदियों को बचाना जरूरी
उन्होंने कहा कि उपभोक्ता आधारित जीवनशैली में प्रकृति और पर्यावरण को जो नुकसान पहुंचाया है, उसके दुष्प्रभावों से नदियों और अन्य जल स्त्रोतों को बचाना आवश्यक है। विभिन्न विभागों के साथ स्वयंसेवी संगठनों, आध्यात्मिक मंचों और जनसामान्य की सहभागिता से नर्मदा संरक्षण, संवर्धन की योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।

धार्मिक और पर्यटन गतिविधि को विकसित करें
मुख्यमंत्री ने परिक्रमा पथ के विकास को लेकर कहा कि यह विश्व की एकमात्र नदी है, जिसकी परिक्रमा की जाती है। इसे प्रमुख धार्मिक और पर्यटन गतिविधि के रूप में विकसित किया जाए। परिक्रमा करने वालों के आवास व भोजन आदि की व्यवस्था के लिए स्व-सहायता समूहों और स्थानीय युवाओं को होम स्टे विकसित करने के लिए प्रेरित किया जाए।

जनजातीय बहुल क्षेत्र में साल और सागौन के पौधारोपण और जड़ी-बूटियों की खेती को प्रोत्साहित किया जाए। नदी के दोनों ओर पांच किलोमीटर तक प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जाए।

बैठक में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, परिवहन तथा स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके, मुख्य सचिव वीरा राणा सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मध्य प्रदेश में 1,079 किलोमीटर बहती है नर्मदा
बैठक में जानकारी दी गई कि अमरकंटक से आंरभ होकर खंबात की खाड़ी में मिलने वाली 1,312 किलोमीटर लंबी नर्मदा नदी की मध्य प्रदेश में लंबाई 1,079 किलोमीटर है। इसके किनारे 21 जिले, 68 तहसीलें, 1,138 ग्राम और 1,126 घाट हैं। 430 प्राचीन शिव मंदिर और दो शक्तिपीठ हैं।

रानी दुर्गावती की राजधानी दमोह के सिंग्रामपुर में होगी कैबिनेट
वीरांगना रानी दुर्गावती की स्मृति में जबलपुर में 100 करोड़ रुपये की लागत से स्मारक और उद्यान बनाया जा रहा है। इसकी आधारशिला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रखी थी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि समय सीमा में काम पूरा किया जाए। पांच अक्टूबर को उनकी जन्मतिथि पर विशेष कार्यक्रम हों।

सरकार ने रानी दुर्गावती के सम्मान में मंत्रि-परिषद की जबलपुर में बैठक जनवरी 2024 को की थी। अब उनकी राजधानी दमोह के सिंग्रामपुर में बैठक की जाएगी। संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि रानी दुर्गावती शैक्षणिक संस्थाओं में वीरांगना के जीवन पर केंद्रित निबंध और लेखन स्पर्धाएं करवाई जाएंगी।

Upendra Pandey

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