Budget 2024: सराफा कारोबारियों की मांग… सोने पर आयात शुल्क घटकर 4 प्रतिशत हो, देशभर में लागू हो आभूषणों पर हॉलमार्किंग
रायपुर सराफा एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष हरख मालू ने बताया कि सराफा क्षेत्र की इन मांगों पर सरकार ने ध्यान दिया तो इसमें आम उपभोक्ताओं के साथ सरकार का भी फायदा होगा। सोने पर आयात शुल्क घटने का फायदा सभी को होगा। इसके साथ ही कर सुधार और सुव्यवस्थित विनियमन होना चाहिए।
HIGHLIGHTS
- सराफा कारोबारियों ने वन नेशन वन टैक्स की मांग की
- ED के हस्तक्षेप पर सामान्य कारोबारियों को मिले राहत
- आभूषणों के निर्माता के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य हो
रायपुर:- इस साल का पूर्ण केंद्रीय बजट अगले सप्ताह 23 जुलाई को पेश होने वाला है। इसे लेकर सभी सेक्टरों द्वारा अपने-अपने सुझाव भेजे जा रहे है। नईदुनिया द्वारा केंद्रीय बजट को लेकर अभियान शुरू किया गया है। आज इसी क्रम में सराफा सेक्टर से जुड़े कारोबारियों से पूछा गया कि आखिर बजट से उनकी क्यां उम्मीदें है।
ज्वेलरी कारोबारियों का कहना है कि अगर सोने पर आयात शुल्क 12.5 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया जाए तो इसका फायदा आम उपभोक्ताओं के साथ ही सरकार को भी होगा। सरकार को इससे और ज्यादा राजस्व मिलेगा। केंद्रीय बजट से व्यापारिक सेक्टरों के साथ ही आम लोगों को भी काफी उम्मीदें है।
देशभर में बिके हालमार्किंग ज्वेलरी
अभी भी बहुत से क्षेत्र ऐसे है, जहां हॉलमार्किंग की अनिवार्यता नहीं है, सरकार को चाहिए कि देशभर में आभूषणों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दे। इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में हॉलमार्किंग सेंटर भी खोले जाए ताकि कारोबारियों को हॉलमार्किंग के लिए दूर न जाना पड़े। इससे सभी क्षेत्रों में लोगों को शुद्ध गहने ही उपलब्ध होंगे। सबसे जरूरी बात यह है कि आभूषणों के निर्माता चाहे वो छोटा हो या बड़ा हो, उन पर ही हॉलमार्किंग की अनिवार्यता हो जाए। इससे आभूषणों के निर्माण के समय ही हॉलमार्क हो जाएगा। इसका फायदा भी सभी को होगा।
एक देश एक टैक्स हो लागू
सरकार हमेशा कहती है कि वन नेशन वन टैक्स। हालांकि देशभर में जीएसटी सिस्टम लागू हो गया है, इसके बाद भी अभी तक वन नेशन वन टैक्स नहीं है। इसे लागू करना चाहिए। इसके साथ ही जीएसटी की कार्रवाई में ईडी के हस्तक्षेप होने पर सामान्य कारोबारियों को राहत दी जानी चाहिए। इसके लिए छोटे व सामान्य कारोबारियों के लिए टर्नओवर निर्धारित होना चाहिए। इस टर्नओवर से ज्यादा होने पर ही ईडी का हस्तक्षेप होना चाहिए।